Font by Mehr Nastaliq Web

तानाशाह

tanashah

अरमान आनंद

अन्य

अन्य

अरमान आनंद

तानाशाह

अरमान आनंद

और अधिकअरमान आनंद

    लो रे लेखक

    उठाओ अपना पोथा-पतरा

    चढ़ जाओ उधर-जिधर फाँसी है

    तानाशाह का फ़रमान है

    लोकतंत्र की विचारधारा बासी है

    तानाशाह

    आदतन अमर होना चाहता है

    और यह तब तक चाहता है

    जब तक वह मर नहीं जाता

    तानाशाह ने जब मारी अपने दिमाग़ में गोली

    या कि जब

    विश्व के सबसे बड़े तानाशाह ने

    छोटे तानाशाह का कर दिया क़त्ल

    क्या तुमने देखा

    तानाशाह के सिर से निकलने वाला ख़ून

    बाग़ी के ख़ून से कितना मिलता-जुलता है

    कभी मिले हो तानाशाह से

    एक नियम पसंद तानाशाह

    निजी तौर पर बेहद अराजक होता है

    वह कुछ भी हो सकता है

    एक बड़ा कलाकार

    कलाप्रेमी

    अभिनेता

    मसख़रा

    नया-नया प्रेमी

    धोखा खाया हुआ आशिक़

    कवि

    अय्याश

    ज़ुबान का पाबंद

    हर जुर्म की सज़ा फाँसी

    और उसके फ़ैसले नहीं बदलते

    सिंहासन बदलता है

    वक़्त बदलता है

    भूखंड बदलता है

    तानाशाह के तौर-तरीक़े नहीं बदलते

    एक तानाशाह की साँसों से उठता है

    सिगार का धुँआ

    जैसे उठती है ज़हरीली गैस

    बदज़ुबानों से भरे छोटे से कमरे में

    करती है उनके स्वप्नों में अनधिकृत प्रवेश

    वहाँ पलती स्त्री शिशु का गला घोंट देने के लिए

    जिसका नाम

    पिछले दिनों वे आज़ादी बता रहे थे

    तानाशाह को डर हथियारों से नहीं लगता

    तानाशाह को सबसे ज़्यादा डर

    भीड़ में खड़े उस आख़िरी आदमी के विचारों से लगता है

    जिसके मुँह में इंक़लाब बंद है

    वही आख़िरी आदमी उसका पहला निशाना है

    लो,

    मेरी खोपड़ी से निकाल लो मेरा दिमाग़

    शहर की जिस भी गली से गुज़रता दिखे तानाशाह का टैंक

    उस टैंक के नीचे डाल देना

    मेरा यक़ीन है :

    तानाशाह के चीथड़े उड़ जाएँगे

    स्रोत :
    • रचनाकार : अरमान आनंद
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

    रजिस्टर कीजिए