सुनो बादशाह!

suno badashah!

सौम्य मालवीय

सौम्य मालवीय

सुनो बादशाह!

सौम्य मालवीय

 

कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान…

बादशाह 
रियाआ फिर झूम उट्ठी है 
तुम्हारे नए फ़रमान पर 
तुम्हारी नई अदा 
तुम्हारी नई पोशाक 
तुम्हारे नंगेपन का नया रूप 
फिर चौंधिया गया है आँखें 
फ़रयादी इकट्ठ्ठा हैं
तुम्हारी एक झलक पाने को 
भीड़ इतनी है कि तुम ख़ुद ही ख़ुद को पाओ जिधर देखो 
सभी ने तुम्हारे चेहरे वाले मास्क पहने हैं 
सब के भीतर तुम्हारे नाम का टाइम बम धड़क रहा है 
इतना प्यार कहीं तुम्हें राजा से ऋषि न बना दे राजन!
तुम्हारी गिलगिलाई हुई मुस्कान तो यही कह रही है 
ये और बात है हुज़ूर-ए-आली कि 
न ये राज-पाट का समय है 
न फ़क़ीरी का 
जो खुद को रियाआ मान बैठा है 
एक अभागा जम्हूर है 
जिसे तुम अपनी सल्तनत समझ रहे हो 
एकदम तोड़ रहा देश है 
और जो तुम्हें अश्वमेध यज्ञ लग रहा है 
आलम-ए-वबा की वीरानी है 
ये चारों तरफ तुम्हारे घोड़े नहीं हैं चक्रवर्ती 
एक वाइरस अपना अहद मुकम्मल कर रहा है 
ज़िल्ले-सुब्हानी, दिलावरुलमुल्क़, शाहआलम 
अगर सोचो कि यह तुम्हारी हुक़ूमत ही है 
तो भी क्या ख़बर रखेगी आक़िबत तुम्हारी 
कि वह सम्राट जो अपनी तहरीर से प्रजा के सीने में 
नफ़रत का ख़मीर उठा सकता था 
वही घुट रही साँसों को जान देने के लिए 
ऑक्सीजन के दो बुलबुले तक न उठा सका?
ओ माइटी किंग टेक अ डीप ब्रेथ 
और उसे धीमे-धीमे छोड़ो 
ये जो नक़्श उभरते देख रहे हो 
ज़िंदगी के नहीं ज़हर के हैं 
पिछले कई हुक़्मरानों की तरह तुम भी 
इसी मुग़ालते में हो कि तुम्हारी छोड़ी हुई हवा ही जीवन है 
और लोग तभी तक ज़िंदा हैं 
जब तक वे तुमसे गुहार लगा रहे हैं!

स्रोत :
  • रचनाकार : सौम्य मालवीय
  • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

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‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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