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चीज़ें बदलती हैं

chizen badalti hain

बेर्टोल्ट ब्रेष्ट

अन्य

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बेर्टोल्ट ब्रेष्ट

चीज़ें बदलती हैं

बेर्टोल्ट ब्रेष्ट

और अधिकबेर्टोल्ट ब्रेष्ट

    1

    और मैं हुआ बूढ़ा, और मैं हुआ युवा किसी-किसी क्षण

    बूढ़ा था भोर में, युवा जब ढली शाम

    और हुआ बालक याद करता निराशाएँ

    और वृद्ध भूलता ख़ुद अपना नाम।

    2

    दुखी अपने यौवन में

    दुखी उसके बाद

    कब हो सकूँगा सुखी ?

    बेहतर हो जल्द ही।

    स्रोत :
    • पुस्तक : प्यास से मरती एक नदी (पृष्ठ 120)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : कवि के साथ अनुवादक रायनर लोत्स, गिरधर राठी
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020

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