यू ट्यूब तुम और मैं

yu tube tum aur main

तुषार धवल

तुषार धवल

यू ट्यूब तुम और मैं

तुषार धवल

यू ट्यूब पर तुम

कभी सोहर

कभी छठ

कभी पुरानी फ़िल्मों के गाने खोज रही हो

यह तुम्हारा अकेलापन है

जहाँ तुम मेरा होना ढूँढ़ती हो

मैं चित्रों लकीरों शब्दों और रंगों में

ढूँढ़ रहा हूँ तुम्हें

जब कि हम यहीं हैं इसी कमरे में एक साथ

इस पार्थिव समय में

एक अपार्थिव एकांत हमारे साझे निर्जन से उग रहा है

इस शून्य में हम एक दूसरे को बनाते हैं

और उसे ही पुकारते हैं

आखेट पर होते हैं अपनी मरीचिकाओं में

और जंगल यह घना होता जाता है

रास्ते दुर्गम

कबाड़ के इन पहाड़ों से जो धुँध उठती है

उसमें कई बिंब हैं

समय की सिकुड़ती क़मीज़ की जेब में

ठूँस-ठूँस कर भरी गई संभावनाओं के

शातिर स्थितियों की बलखाती बिसात पर

अम्ल की महीन बरसातों में

साझा सुकुमार शून्य

अजीब कल्पित इच्छाओं से

आक्रांत हुआ जाता है

भर जाता है ख़ालीपन

हमारी नहीं हुई की संभावनाओं से

स्रोत :
  • रचनाकार : तुषार धवल
  • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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