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पहुँचने के लिए

pahunchne ke liye

रामकुमार तिवारी

अन्य

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रामकुमार तिवारी

पहुँचने के लिए

रामकुमार तिवारी

और अधिकरामकुमार तिवारी

    यह किसकी आवाज़ है

    एक दूरी जो आवाज़ ने तय की है

    उसी पर दौड़ते हुए

    पहुँचा जा सकता है उस जगह

    कहीं पहुँचने के लिए

    इस वक़्त जहाँ हूँ

    वहाँ होने के लिए पहले

    कितना चलना होगा

    शब्दों की दूरियों को

    कहाँ से आवाज़ देनी होगी

    सबसे पास के शब्द को

    विलुप्त हुई आवाज़ से बुलाना होगा

    विलुप्त हुए के लिए

    अभी-अभी जन्मी आवाज़ चाहिए

    जहाँ हूँ वहाँ से

    अपने को आवाज़ देकर

    देख रहा हूँ चारों ओर

    मैं विलुप्त तो नहीं हो रहा हूँ

    कहीं किसी की आवाज़

    जन्म की प्रतीक्षा में डूब रही है

    रह... रह!

    स्रोत :
    • पुस्तक : अपनी परछाईं में लौटता हूँ चुपचाप (पृष्ठ 29)
    • रचनाकार : रामकुमार तिवारी
    • प्रकाशन : आईसेक्ट पब्लिकेशन
    • संस्करण : 2020

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