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आज तुम्हारा जन्मदिवस

aaj tumhara janmadiwas

नामवर सिंह

अन्य

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नामवर सिंह

आज तुम्हारा जन्मदिवस

नामवर सिंह

और अधिकनामवर सिंह

    आज तुम्हारा जन्मदिवस, यूँ ही यह संध्या

    भी चली गई, किंतु अभागा मैं जा सका

    समुख तुम्हारे और नदी तट भटका भटका

    कभी देखता हाथ कभी लेखनी अबंध्या।

    पार हाट, शायद मेला; रंग रंग ग़ुब्बारे।

    उठते लघु लघु हाथ, सीटियाँ; शिशु सजे धजे

    मचल रहे...सोचूँ कि अचानक दूर छः बजे।

    पथ, इमली में भरा ब्योम, बैठे तारे

    ‘सेवा-उपवन’, पुष्यमित्र गंधवह लगा

    मस्तक कंकड़ भरा किसी ने ज्यों हिला दिया।

    हर सुंदर को देख सोचता क्यों मिला हिया

    यदि उससे वंचित रह जाता तुम्हीं-सा सगा

    क्षमा मत करो वत्स, गया दिन ही ऐसा

    आँख खोलती कलियाँ भी कहती हैं पैसा।

    स्रोत :
    • पुस्तक : प्रारम्भिक रचनाएँ (पृष्ठ 61)
    • संपादक : भारत यायावर
    • रचनाकार : नामवर सिंह
    • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन
    • संस्करण : 2013

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