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बारिश का प्रेम-प्रसंग

barish ka prem prsang

अनादि सूफ़ी

अन्य

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अनादि सूफ़ी

बारिश का प्रेम-प्रसंग

अनादि सूफ़ी

और अधिकअनादि सूफ़ी

    आकाश के अनंत से

    बादलों के काँधे पर बैठकर

    बारिश किससे मिलने आती है?

    पंछियों से,

    वृक्ष से,

    या धरती से?

    पंछियों से गले मिलती है

    वृक्ष को नहलाती है

    फिर धरती की छाती में समा जाती है

    धरती उसे नदी को सौंप देती है

    नदी उसे किसे सौंपती है?

    उद्योगपति और व्यापारी को

    बाबू या अधिकारी को

    बढ़ई-चर्मकार को

    या राजमिस्त्री या स्वर्णकार को?

    नदी किसान को सौंपती है बारिश

    किसान ही तो उन सबका

    और

    हमारी-तुम्हारी कला-कौतुक का आधार है,

    कहानी-कविता वग़ैरा सब

    किसान और बारिश की युगल-बंदी का ही फल है भंते

    तो बारिश नदी की गोद-भराई करने आती है,

    बारिश किसान से गले मिलकर

    उसकी सूखी आँखों के

    अदृश्य आँसू पोछने आती है।

    स्रोत :
    • रचनाकार : अनादि सूफ़ी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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