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बजबजाती अस्थियाँ

bajabjati asthiyan

अनुवाद : सईद शेख़

आऊलिक्की ओकसानेन

अन्य

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आऊलिक्की ओकसानेन

बजबजाती अस्थियाँ

आऊलिक्की ओकसानेन

और अधिकआऊलिक्की ओकसानेन

    तब मैंने वह बजबजाहट सुनी

    बच्चों की अस्थियाँ अनगिनत

    बच्चों की अस्थियाँ जैसे बाँसुरियाँ।

    और वे मेरे पेट से उभरी हुई बजती रहीं, बजती रहीं,

    खड़खड़ाती हुई जैसे सातवीं कक्षा के कमरे में

    सातवीं कक्षा बजाएगी कलाइयों के त्रिभुज

    सातवीं कक्षा खटखटाएगी अपने सरों के बाजे

    सातवीं कक्षा बजाएगी मुट्ठियों से अपनी छातियों की ढप

    वे धक्का-पेली कर रही थीं, खड़खड़ा रही थीं,

    हिल रहीं थीं, चोट कर रही थीं

    और मुझे एक बड़े संताप ने पुकारा

    अपने से ज़्यादा बड़े संताप ने

    मुझे एक बड़ी चिंता ने पुकारा

    अपनी से ज़्यादा बड़ी चिंता ने

    मुझे एक बड़े वियोग ने पुकारा

    अपने से ज़्यादा बड़े वियोग ने।

    उन क्रोध से उबलती बच्चों की अस्थियों ने

    और वे मेरे पेट पर ढोल बजाती रहीं

    और वे चुभती रहीं मेरे फेफड़ों में

    और वे मेरे पैरों पर उठ खड़ी हुईं : बजबजाती।

    और दौड़तीं।

    स्रोत :
    • पुस्तक : दरवाज़े में कोई चाबी नहीं (पृष्ठ 228)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : आऊलिक्की ओकसानेन
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020

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