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अंदर से एक

andar se ek

अनुवाद : चन्द्रप्रभा पाण्डेय

अन्ना स्विर

अन्य

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अन्ना स्विर

अंदर से एक

अन्ना स्विर

और अधिकअन्ना स्विर

    तुम्हारे घर की ओर आते हुए,

    एक प्रेम भोज के लिए

    गली के कोने में देखा

    एक बूढ़ी भिखारिन थी।

    मैंने उसका हाथ थाम

    उसके कोमल गालों को चूमा

    बातें की, वह अंदर से मेरे

    जैसे ही थी

    एक ही प्रकार की

    ऐसा मुझे तुरंत महसूस हुआ

    जैसे एक कुत्ता दूसरे कुत्ता को

    गंध से पहचानता है

    मैंने उसे पैसे दिए

    मैं उससे अलग नहीं हो पा रही थी,

    अंततः हर एक को अपनों की

    ज़रूरत होती है

    और फिर पता नहीं क्यों मैं तुम्हारे

    घर की ओर चल पड़ी।

    स्रोत :
    • पुस्तक : दरवाज़े में कोई चाबी नहीं (पृष्ठ 393)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : अन्ना स्विर
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020

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