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अम्मा का गीत

amma ka geet

स्वाति मेलकानी

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स्वाति मेलकानी

अम्मा का गीत

स्वाति मेलकानी

और अधिकस्वाति मेलकानी

    अम्मा की उम्र पूछने पर

    प्रामाणिक उत्तर मिलने की

    संभावना कम है

    अम्मा शायद अस्सी की है

    या शायद सत्तर की...

    अम्मा बन जाने पर

    उम्र कम या ज़्यादा होने का

    कोई अर्थ नहीं रह जाता।

    पिछले तीन दिनों से

    लगातार चलती बारिश के बीच

    आज रविवार की सुबह

    जब मैं

    बरामदे में बैठी

    पढ़ रही हूँ अपनी प्रिय किताब

    तो बरामदे के

    दूसरे छोर से

    रही है

    अम्मा के गाने की आवाज़...

    गीत के शब्द और अर्थ

    मेरी समझ के परे हैं

    पर बारिश का असर

    देखते ही बनता है

    बारिश नहीं है

    सिर्फ़ कवियों, प्रेमियों

    और पढ़े-लिखों के लिए...

    कोई अकेली विधवा अम्मा भी

    बारिश में गुनगुना सकती है

    अपने समय का

    अनसुना गीत...

    जीवन का शेष रह जाना ही

    काफ़ी है

    उसे जीने के लिए

    बड़े और महान कारणों की खोज

    शायद कुछ बड़े

    और महान लोग करते होंगे

    उम्र के पीछे भी

    पुराने सूरज चमकते हैं

    और हो चुकी बारिशों की

    नमी बची रहती है

    ज़मीन की गहरी

    परतों के नीचे...

    हर नई बारिश के साथ

    पानी में पानी मिलता है

    और बीच की सूखी परतें

    भीग जाती हैं

    फ़िलहाल

    हम सबको चौंकाती हुई

    भरे पूरे घर के

    एक अकेले कमरे में निर्वासित अम्मा

    गा रही हैं गीत

    और बारिश लगातार जारी है...

    गीत के बोलों-सी गिरती बूँदें

    गीत की ही धुन पर

    नाचती-सी लगती हैं

    कुछ गीत सिर्फ़ अपने होते हैं

    कुछ गीत सिर्फ़ अपने लिए गाए जाते हैं

    समय और उम्र से पृथक

    बारिश और गीतों का होना

    अम्मा के होने को

    गहराता

    भिगाता

    जिलाता है

    बारिश जारी है

    और जारी है अम्मा का गीत

    मैं किनारे रख देती हूँ अपनी किताब

    और देखने लगती हूँ बारिश

    अम्मा का गीत

    झमाझम बरसता है

    और भीग गई हूँ मैं...

    स्रोत :
    • रचनाकार : स्वाति मेलकानी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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