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क्षणों के फूल

kshnon ke phool

शंभुनाथ सिंह

अन्य

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शंभुनाथ सिंह

क्षणों के फूल

शंभुनाथ सिंह

और अधिकशंभुनाथ सिंह

    हैं झर रहे फूल बीते क्षणों के!

    तेरी चकित दृष्टि

    करती सुधा-वृष्टि

    छिपकर घने कुंज में गत दिनों के!

    हैं झर रहे फूल बीते क्षणों के!

    तेरे चरण-छंद

    बन काल-स्वच्छंद

    करते स्वरित पंथ के बंधनों के!

    हैं झर रहे फूल बीते क्षणों के!

    तेरी धवल छाँह

    संगिनि बनी, राह—

    पर पोंछती अश्रु-कण लोचनों के!

    हैं झर रहे फूल बीते क्षणों के!

    तेरे सपन आज

    निज में नयन आज

    हैं देखते पार तममय घनों के!

    कर रहे फूल बीते दिनों के!

    स्रोत :
    • पुस्तक : दिवालोक (पृष्ठ 47)
    • रचनाकार : शंभुनाथ सिंह
    • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन
    • संस्करण : 1953

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