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बुंदेली लोकगीत : नेक पठाओ गिरधारी जू कौ मइया री

bundeli lokgit ha nek pathao girdhari ju kau maiya ri

अन्य

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रोचक तथ्य

संदर्भ—गोदोहन।

नेक पठाओ गिरधारी जू कौ मइया री।।टेक।।

और के हाँथन नाहीं लागें मोरी गइयाँ,

सो जब लगिहैं जब जाहे री कन्हैया।।1।।

नई तो ग्वालिन नोखी तेरी गइयाँ,

अबही तो बनते आयो री कन्हैया।।2।।

इतनी सुन देहरी चढ़ आई,

अब जइयौं जब जाहै री कन्हैया।।3।।

नन्द हँसे जसुदा मुसकानी,

सो जाओ कन्हैया दुह आओ जाकी गइयाँ।।4।।

स्रोत :
  • पुस्तक : हिंदी के लोकगीत (पृष्ठ 348)
  • संपादक : महेशप्रताप नारायण अवस्थी
  • प्रकाशन : सत्यवती प्रज्ञालोक
  • संस्करण : 2002

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