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भोजपुरी लोकगीत : जसोदा घरे कृष्ण जनमले

bhojapuri lokgit ha jasoda ghare krishn janamle

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रोचक तथ्य

संदर्भ—श्रीकृष्ण जन्म।

जसोदा घरे कृष्ण जनमले,

तीनहूँ लोक सोर भइले हो।

सखिया, मुठिया में दुइ दुइ लाल,

लिलरा पर मनि सो हे हो।।1।।

जसोदा सुरही गइया के दुधवा,

कन्हइया नहवावेली हो।

सखिया, काढ़ेली पियर पितम्बर,

अंग पोंछली सिंगासन बइठावेली हो।।2।।

सखिया रची रची चँदन रगरीले,

कन्हैया के लगवइली हो।

कृष्ण के ऊँच लीलरवा,

चननवा बाड़ा सोभेला हो।।3।।

यशोदा के घर कृष्ण ने जन्म लिया है, जिसका तीनों लोकों में शोर हो गया है। हे सखियो! कृष्ण की मुट्ठी में दो-दो लाल तथा ललाट पर मणि सुशोभित है।।1।।

यशोदा जी सुरभी गाय के दूध से कृष्ण को नहला रही हैं। हे सखियों! वे

पीले पीतांबर से उनके अंग पोंछकर सिंहासन पर बैठा रही हैं।।2।।

स्रोत :
  • पुस्तक : हिंदी के लोकगीत (पृष्ठ 88)
  • संपादक : महेशप्रताप नारायण अवस्थी
  • प्रकाशन : सत्यवती प्रज्ञालोक
  • संस्करण : 2002

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