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अपनी अदब में रऔ गिरधारी

apni adab mein rau girdhari

ईसुरी

अन्य

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ईसुरी

अपनी अदब में रऔ गिरधारी

ईसुरी

और अधिकईसुरी

    अपनी अदब में रऔ गिरधारी!

    गऔ जिन बाँय हमारी!

    करौं पुकार, जाओगे पकरे, ना छेड़ो पर नारी॥

    हप्पा नोंई कौर करबे खों, हम हैं कठिन कटारी॥

    ‘ईसुर’ रैयत राजा कंस की, क्या मगदूर तुमारी॥

    हे गिरिधारी, अपनी मर्यादा में रहो। मेरा हाथ मत पकड़ो। मैं शोर कर दूँगी, तो पकड़े जाओगे। पराई नारी को मत छेड़ो। हम कोई पके चावल (हप्पा) नहीं, जो तुम आसानी से हजम कर लोगे। हम कटारी की तरह घातक और कठोर हैं। अरे ईसुरी! हम राजा कंस की प्रजा हैं। क्या हम तुम्हारी ग़ुलाम हैं?

    स्रोत :
    • पुस्तक : ईसुरी की फागें (पृष्ठ 44)
    • संपादक : घनश्याम कश्यप
    • प्रकाशन : शब्दपीठ
    • संस्करण : 1995

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