महाराष्ट्र के रचनाकार

कुल: 140

कन्नड़ गीति-काव्य के समादृत कवि। नवोदय आंदोलन से संबद्ध। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

मराठी के समादृत कवि-लेखक और समालोचक। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

सातवें दशक की प्रगतिशील धारा के प्रमुख कथाकार। ‘पहल’ पत्रिका के संपादक के रूप में समादृत।

‘मधुशाला’ के लिए मशहूर समादृत कवि-लेखक और अनुवादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

ब्रिटिश लेखक। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

मराठी के समादृत और अत्यंत लोकप्रिय कवि-नाटककार। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

गुजराती भाषा के समादृत गीतकार-कवि। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

प्रगतिशील शायर और गीतकार। प्रतिष्ठित पुरस्कार 'पद्मश्री' से सम्मानित।

गुजराती भाषा के समादृत कवि-साहित्यकार और शिक्षाविद्। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

मराठी के समादृत कवि-लेखक और समालोचक। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

मराठी कविता में मुक्तछंद के प्रणेता के रूप में प्रतिष्ठित कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

मराठी के समादृत कवि-गीतकार और नाटककार। संगीत नाटक अकादेमी पुरस्कार और साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुप्रसिद्ध गुजराती कवि और निबंधकार। 'स्टेच्यू' निबंध-संग्रह के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

परंपरागत जल स्रोतों के पुनरुद्धार और जल-संरक्षण के लिए चर्चित। 'आज भी खरे हैं तालाब' प्रसिद्ध कृति। 'गाँधी मार्ग' पत्रिका के संस्थापक-संपादक। गांधीवादी पर्यावरणविद्।

सुप्रसिद्ध सिंधी कवि, साहित्यिक आलोचक, शिक्षाविद् और सिने अभिनेता। 'अंधो दूहों' काव्य-संग्रह के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

मराठी और अँग्रेज़ी भाषा के समादृत कवि। साहित्य अकादेमी से सम्मानित।

मराठी और कोंकणी के सुप्रसिद्ध कवि-कादंबरीकार। पद्मश्री से सम्मानित।

मराठी नवकाव्य के अग्रणी कवि और लेखक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुप्रसिद्ध गुजराती कवि, नाटककार, संपादक और अनुवादक। 'भगवान-नी वातो' काव्य-संग्रह के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

मराठी और अँग्रेज़ी के सुप्रसिद्ध कवि-लेखक-समीक्षक-अनुवादक के साथ ही चित्रकार-शिल्पकार-फ़िल्मकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित

सुप्रसिद्ध असमिया कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुप्रसिद्ध गीतकार। विद्रोही और प्रगतिशील विचारों के लिए उल्लेखनीय।

अत्यंत लोकप्रिय गीतकार और फ़िल्मकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

मराठी की सुपरिचित कवयित्री-कथाकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित गुजराती कवि और अनुवादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

गुजराती के सुपरिचित कवि और संपादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित सिंधी कवि और नाटककार। 'सुराही' काव्य-संग्रह के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुप्रसिद्ध मराठी कवि-लेखक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

मराठी भाषा के सुप्रतिष्ठित कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुप्रसिद्ध मराठी कवि, लेखक और अधिकार कार्यकर्ता। ‘दलित पैंथर’ के संस्थापक।

आधुनिक सिंधी ग़ज़ल के जनक के रूप में प्रतिष्ठित सिंधी कवि। 'वारी-अ-भर्यो पलांदु' काव्य-संग्रह के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित मराठी कवयित्री, लेखिका और नाटककार। 'आकाशवेडी', 'श्रावणमेघ', 'प्रीतिपथावर', 'निहार', 'स्वप्नजा' आदि कृतियाँ प्रकाशित।

समादृत कवि-कथाकार और पटकथा-लेखक। ‘आधा गाँव’ और ‘टोपी शुक्ला’ सरीखे उपन्यासों के लिए स्मरणीय।

समादृत गुजराती कवि-लेखक-समालोचक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

प्रगतिशील कथाकार। कहानी, उपन्यास, नाटक, आलोचना, अनुवाद आदि गद्य विधाओं के साथ-साथ पद्य लेखन में भी प्रवीण। 'मुर्दों का टीला' ख्याति का मूल आधार।

मराठी भाषा की सुपरिचित कवयित्री-लेखिका। कविता, नाटक, बालसाहित्य, अनुवाद और आलोचना के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान।

सुप्रसिद्ध मराठी कवि, निबंधकार और संपादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

‘तू ज़िंदा है तो ज़िंदगी की जीत में यक़ीन कर...’ के रचयिता और लोकप्रिय गीतकार। सिनेमा और प्रगतिशील आंदोलन से संबद्ध।

मराठी भाषा की सुपरिचित कवि-गीतकार और उपन्यासकार। अन्य विभिन्न विधाओं में भी विपुल कार्य।

सुपरिचित गुजराती कवि, निबंधकार और संपादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुप्रसिद्ध मराठी कवि-गीतकार-अनुवादक। नाट्य-काव्य में योगदान के लिए उल्लेखनीय।

सुप्रतिष्ठित मराठी कवि, उपन्यासकार, नाटककार और चित्रकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

छठे दशक में सामने आए मराठी कवि, चित्रकार और संपादक। आधुनिक काव्यभाषा और शैली के लिए उल्लेखनीय।

मराठी नाटककार, निबंधकार और पटकथा लेखक। राजनैतिक-सामाजिक कार्यकर्ता। 'पद्मभूषण' और 'संगीत नाटक अकादमी' पुरस्कारों से सम्मानित। 'घासीराम कोतवाल' नाटक प्रसिद्धि का आधार।