यासुनारी कवाबाता की कहानियाँ
ईज़ू नर्तकी
जैसे ही सड़क दर्रे की तरफ़ मोड़ लेने वाली थी कि पहाड़ी की तलहटी से बारिश का एक झपेटा देवदार के वन को सफ़ेद करता हुआ मेरी तरफ़ आया। मैं उन्नीस साल का था और ईजू प्रायद्वीप की यात्रा अकेले कर रहा था। मैंने एक विद्यार्थी के से ही कपड़े पहन रखे थे। गहरे रंग