शशिभूषण के बेला
बल के बारे में
श्रम काग़ज़ है। कर्म हस्ताक्षर। व्यक्ति को अपना काम करना चाहिए। मेहनत से। ईमानदारी से। समर्पण से। सजगता के साथ और अद्यतन कर्मठता से। लेकिन कर्म करने से पहले चुनाव करना ही चाहिए कि कौन-सा काम करने योग्य
जियत न परसिन माँड़ मरे परोसा खाँड़
—मुझे पूरा विश्वास है कि प्रभात रंजन शशिभूषण द्विवेदी के जनाज़े में शामिल हुए थे। —आपको कैसे इतना यक़ीन है? —प्रभात रंजन शशिभूषण द्विवेदी के पक्के साहित्यिक मित्र रहे हैं। —उससे क्या होता है?