संपूर्ण
परिचय
कविता14
ई-पुस्तक2
वीडियो8
यात्रा वृत्तांत1
संस्मरण1
बेला1
पत्र1
कहानी1
आत्मकथ्य1
उद्धरण16
धर्मवीर भारती के संस्मरण
काले मेघा पानी दे
उन लोगों के दो नाम थे—इंदर सेना या मेढक-मंडली। बिलकुल एक-दूसरे के विपरीत। जो लोग उनके नग्नस्वरूप शरीर, उनकी उछलकूद, उनके शोर-शराबे और उनके कारण गली में होने वाले कीचड़ काँदो से चिढ़ते थे, वे उन्हें कहते थे मेढक-मंडली। उनकी अगवानी गालियों से होती थी।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere