खिड़की पर उद्धरण
खिड़की कमरे या दीवार
का वह निर्माण है जिससे बाहर की हवा, रोशनी, आवाज़ अंदर आ सकती है। इसे आवश्यकतानुसार खोला या बंद किया जा सकता है। कविता में खिड़की या गवाक्ष या झरोखे का प्रयोग बहुअर्थी आयामों में होता रहा है।

जीवन की खिड़की में से ही परमात्मा की झाँकी मिलनी संभव है।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere