सूर्य पर पत्र
सूर्य धरती पर जीवन का
आधार है और प्राचीन समय से ही मानवीय आस्था का विषय रहा है। वेदों में सूर्य को जगत की आत्मा कहा गया और उसकी स्तुति में श्लोक रचे गए। इस चयन में सूर्य को विषय बनाती कविताओं को शामिल किया गया है।
पिता के पत्र पुत्री के नाम (ज़मीन कैसे बनी)
तुम जानती हो कि ज़मीन सूरज के चारों तरफ़ घूमती है और चाँद ज़मीन के चारों तरफ़ घूमता है। शायद तुम्हें यह भी याद है कि ऐसे और भी कई गोले हैं जो ज़मीन की तरह सूरज का चक्कर लगाते हैं। ये सब, हमारी ज़मीन को मिलाकर, सूरज के ग्रह कहलाते हैं। चाँद ज़मीन का उपग्रह
जवाहरलाल नेहरू
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere