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सीता पर पद

सीता राम-कथा की नायिका

और अराध्य देवी के रूप में भारतीय संस्कृति से अभिन्न रही हैं। भारतीय स्त्री-विमर्श में उनका प्रादुर्भाव एक उदाहरण के रूप में हुआ है, जहाँ समाज की पितृसत्तात्मकता को प्रश्नगत किया गया है। प्रस्तुत चयन में सीता और सीता के बहाने संवाद करती कविताओं को शामिल किया गया है।

नीवी करषत बरजत

कृपानिवास

पिया हो, कसकत कुस पग बीच

सुधाकर द्विवेदी

नाथ कुस साथरी साथ सुहाई

सुधाकर द्विवेदी

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere