गर्व पर कविताएँ

गर्व वैसे तो नकारात्मक

और सकारात्मक दोनों ही अर्थों में अहंभाव को प्रकट करता है, लेकिन प्रस्तुत संचयन में इसके विविध आयामों से गुज़रा जा सकता है।

बाजीप्रभु देशपांडे

मैथिलीशरण गुप्त

गरिमा के बहाने

शैलेंद्र कुमार शुक्ल

बीज

मदनलाल डागा

गर्व

मोना गुलाटी