फ़ोन पर उद्धरण
फ़ोन आधुनिक जीवनशैली
का अभिन्न अंग बन चुका है और इसलिए आश्चर्यजनक नहीं कि उनसे जुड़े संदर्भ कविताओं के भी विषय बन रहे हैं। प्रस्तुत चयन ऐसी ही कुछ रचनाओं से किया गया है।

कविता की तरह चित्रकला भी मनुष्य की कोमल भावनाओं का परिणाम है। जो काम कवि करता है, वही चित्रकार करता है, कवि भाषा से, चित्रकार पेंसिल या कलम से। सच्ची कविता की परिभाषा यह है कि तस्वीर खींच दे। उसी तरह सच्ची तस्वीर का यह गुण है कि उसमें कविता का आनंद आए। कवि कान के माध्यम से आत्मा को सुख पहुँचाता है और चित्रकार आँख के द्वारा और चूँकि देखने की शक्ति सुनने की अपेक्षा अधिक कोमल और संवेदनशील होती है, इसीलिए जो बात चित्रकार एक चिन्ह, एक रेखा, या ज़रा से रंग से पूरा कर देगा, वह कवि की सैकड़ों पंक्तियों से न अदा हो सकेगी।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere