ऐसे-ऐसे
पात्र-परिचय
मोहन : एक विद्यार्थी
दीनानाथ : एक पड़ोसी
माँ : मोहन की माँ
पिता : मोहन के पिता
मास्टर : मोहन के मास्टर जी।
वैद्य जी डॉक्टर तथा एक पड़ोसिन।
(सड़क के किनारे एक सुंदर फ़्लैट में बैठक का दृश्य। उसका एक दरवाज़ा सड़कवाले बरामदे में खुलता