
ईश्वर अपना रूप पल-पल बदलता रहता है। ख़ुशक़िस्मत हैं वे जो उसे उसके तमाम रूपों में भी चीन्ह सकते हैं।

उद्यम न करने पर भी भाग्य द्वारा नियोजित पूर्व जन्मों में किया हुआ कर्म शुभाशुभ फल प्रदान करता है।

जो सनाथ है, उसे उसके हितैषी सुहृद् पाप कर्मों से रोकते हैं। जो भाग्यवान् है, वह मना करने पर उस पाप कर्म से रुक जाता है, परंतु जो भाग्यहीन है, वह उस दुष्कर्म से नहीं रुकता।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere