भाषा पर पत्र
भाषा मानव जाति द्वारा
प्रयुक्त वाचन और लेखन की प्रणाली है जिसका उपयोग वह अपने विचारों, कल्पनाओं और मनोभावों को व्यक्त करने के लिए करता है। किसी भाषा को उसका प्रयोग करने वाली संस्कृति का प्रतिबिंब कहा गया है। प्रस्तुत चयन में कविता में भाषा को एक महत्त्वपूर्ण इकाई के रूप में उपयोग करती कविताओं का संकलन किया गया है।
पिता के पत्र पुत्री के नाम (आदमियों की क़ौमें और ज़बाने)
हम यह नहीं कह सकते कि दुनिया के किस हिस्से में पहले-पहिल आदमी पैदा हुए। न हमें यही मालूम है कि शुरू में वह कहाँ आबाद हुए। शायद आदमी एक ही वक़्त में, कुछ आगे पीछे दुनिया के कई हिस्सों में पैदा हुए। हाँ, इसमें ज़्यादा संदेह नहीं है कि ज्यों-ज्यों बर्फ़
जवाहरलाल नेहरू
पिता के पत्र पुत्री के नाम (भाषा, लिखावट और गिनती)
हम तरह-तरह की भाषाओं का पहले ही ज़िक्र कर चुके हैं और दिखा चुके हैं कि उनका आपस में क्या नाता है। आज हम यह विचार करेंगे कि लोगों ने बोलना क्योंकर सीखा। हमें मालूम है कि जानवरों की भी कुछ बोलियाँ होती हैं। लोग कहते हैं कि बंदरों में थोड़ी सी मामूली चीज़ों
जवाहरलाल नेहरू
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere