Font by Mehr Nastaliq Web

ईर्ष्या पर कविताएँ

ईर्ष्या दूसरों की उन्नति,

सुख या वैभव से उभरने वाला मानसिक कष्ट है। इसका संबंध मानवीय मनोवृत्ति से है और काव्य में सहज रूप से इसकी प्रवृत्तियों और परिणामों की अभिव्यक्ति होती रही है।

ईर्ष्या

मारीना त्स्वेतायेवा

क़द बढ़ता जाता है

आश्लेषा महाजन

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere