फूल पर निबंध
अमेरिकी कवि एमर्सन ने
फूलों को धरती की हँसी कहा है। प्रस्तुत चयन में फूलों और उनके खिलने-गिरने के रूपकों में व्यक्त कविताओं का संकलन किया गया है।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
फूलों को धरती की हँसी कहा है। प्रस्तुत चयन में फूलों और उनके खिलने-गिरने के रूपकों में व्यक्त कविताओं का संकलन किया गया है।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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