रिक्तता पर बेला
कुछ होकर भी न होने के
अभावभाव को प्रकट करती रचनाओं से एक चयन।
आजकल लोग पैदा नहीं होते अवतरित होते हैं
सोचता हूँ कुछ लिखूँ पर लिखने के उत्साह पर अवसाद भारी है। ~ भाषा का बुनियादी ताना-बाना शब्दों से कहीं अधिक प्रयोगों से निर्मित होता है। आजकल लोग पैदा नहीं होते अवतरित होते हैं। वाक्यों में दो क्