दुर्गा पर कविताएँ

दुर्गा शाक्त संप्रदाय

की मुख्य अराध्य देवी हैं जिन्हें आदि-शक्ति, प्रधान-प्रकृति, गुणवती-योगमाया, बुद्धितत्त्व की जननी और विकाररहित बताया गया है। उनके 108 नाम हैं। नवरात्रि के अवसर पर उनकी विशेष पूजा का विधान है। पूर्वभूमि बंगाल में दुर्गा पूजा अत्यंत लोकप्रिय त्योहार है। यहाँ दुर्गा विषयक कविताओं से एक चयन प्रस्तुत किया गया है।

नवस्तुति

अविनाश मिश्र

दुर्गा सप्तशती

इब्बार रब्बी

नवरात्र की कविताएँ

ज्याेति शोभा

शारदीय पूजा

बालमुकुंद गुप्त

जय लक्ष्मी

बालमुकुंद गुप्त

नवरातों में औरत

शालिनी सिंह

दुर्गा-स्तवन

बालमुकुंद गुप्त

जय दुर्गे

बालमुकुंद गुप्त

कन्या-पूजन

महेश चंद्र पुनेठा

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere