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बादल पर कविताएँ

मेघ या बादल हमेशा से

मानव-मन को कल्पनाओं की उड़ान देते रहे हैं और काव्य में उनके विविध रूपों और भूमिकाओं का वर्णन होता रहा है। इस चयन में शामिल है—बादल विषयक कविताओं का संकलन।

प्रेमपत्र

सुधांशु फ़िरदौस

निराला के प्रति

धर्मवीर भारती

मेघ आए

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

मुलाक़ात

अमृता प्रीतम

एक धुँधला दिन

सौरभ अनंत

खोज

फेदेरीको गार्सिया लोर्का

शाल एक रेशमी

महमूद दरवेश

बारिश

सौरभ अनंत

बादल (1955)

एल्वी सिनेर्वो

बादल (1931)

एल्वी सिनेर्वो

एक माहिया

अजंता देव

ये अषाढ़ के पहले बादल

कृष्ण मुरारी पहारिया

बादल

अलेक्सांद्र पूश्किन

करतब-भर के बादल

व्लादिमीर मायाकोव्स्की

बादल राग (एनसीईआरटी)

सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

बादल राग

अवधेश कुमार

ये चैत के आकाश आजकल

मनप्रसाद सुब्बा

उठ किसान ओ

त्रिलोचन

बादल

श्रीप्रसाद

भीगना

अमेय कांत

बादल की तरह

अनिल कार्की

जिस बादल के पीछे तुम हो

वीरभद्र कार्कीढोली

ज़िद मछली की

इला कुमार

मेघ

प्रदीप्त प्रीत

स्याद्वाद

कन्हैयालाल सेठिया

भटका मेघ

श्रीकांत वर्मा

पानी भरे हुए बादल

गिरिजाकुमार माथुर

निर्जल मेघ

रामदेव झा

बादलों ने

शंकरानंद

बदलीवाला एक दिन

राजेंद्र यादव

बादरा साँवरे!

जगदीश चतुर्वेदी

बादल

लाल्टू

बादल

अलेक्सांद्र पूश्किन

उनए उनए भादरे

नामवर सिंह

मेघ-मल्लार

प्रभाकर माचवे

उठे बादल, झुके बादल

हरिनारायण व्यास

बादल

मधु सिंह

तुम हो बादल, तुम बरस रही हो

सुरेंद्र स्निग्ध

नदी में बादल

आनंद गुप्ता

बादल

चंपा वैद

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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