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अभिसार पर सवैया

भारतीय साहित्यशास्त्र

में ‘नायिका का नायक के पास जाना’ या ‘दूती या सखी द्वारा नायक को अपने पास बुलाना’ अभिसार कहा गया है। इस अर्थ में अभिसार में प्रवृत्त नायिका को ‘अभिसारिका’ कहा गया है। प्राचीन कवियों ने अभिसारिका को सभी नायिकाओं में सर्वाधिक मधुर, आकर्षक और प्रेमाभिव्यंजिका बताया है। काव्य के साथ ही चित्रकला में भी अभिसार का व्यापक अंकन हुआ है।

रस ही रस में रसबाद कछू

चंद्रशेखर वाजपेयी

विपरीत रची सपने रमनी

बिड़दसिंह माधव

ओठन ओठ मिलाय लिये

गुमान मिश्र

राधिक माधवै एक ही सेज पै

कालिदास त्रिवेदी

ये निकसीं निसि चाँदिनी में

चंद्रशेखर वाजपेयी

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere