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तालाब

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शशि सबलोक

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और अधिकशशि सबलोक

    नोट

    प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा दूसरी के पाठ्यक्रम में शामिल है।

    इस तालाब का नाम छोटा है। यहाँ तुम्हें कई लोग दिखेंगे—केंचुए, साँप, केकड़े, मेंढक, कनखजूरे, दो कछुए और उनके साथ बच्चे...।

    मछलियाँ पता नहीं कितनी होगी! मच्छर जैसे कई उड़ाकू तुम्हें वहाँ मिलेंगे। तितलियाँ, गिलहरियाँ, चीटियाँ। कभी-कभी छिपकलियाँ और गिरगिट भी इधर चले आते हैं।

    तालाब के किनारे एक पेड़ है। इस पर मकड़ियों के जाले हैं और चिड़ियाँ! उनका तो पूछो ही मत—कौए, मैना, तोते, किंगफ़िशर, फ़ाख़्ता...।

    आजकल सर्दियों के दिन हैं। मैं रोज़ इस तालाब को देखने आती हूँ। यहाँ इन दिनों सारस आए हुए हैं। छोटे तालाब पर ख़ूब चहल-पहल है। थोड़े दिनों बाद सारस चले जाएँगे। तब तालाब को इन सबकी कितनी याद आएगी!

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    शशि सबलोक

    शशि सबलोक

    स्रोत :
    • पुस्तक : सारंगी (पृष्ठ 54)
    • रचनाकार : शशि सबलोक
    • प्रकाशन : एनसीईआरटी
    • संस्करण : 2022

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