Font by Mehr Nastaliq Web

चोर चंडाल चमार कहै और कोऊ

chor chanDal chamar kahai aur kou

पलटू

अन्य

अन्य

पलटू

चोर चंडाल चमार कहै और कोऊ

पलटू

और अधिकपलटू

    चोर चंडाल चमार कहै और कोऊ, कहै हरिदास है भाई।

    कोऊ कहै यह तो नारि लुभानो, कोऊ कहै माया रति आई॥

    निंद करै ता से निंद करैये, अस्तुति को तो मनावन जाई।

    जो हम हैं हरि जानत हैं, अब रैन दिवस उनकौ गुन गाई॥

    मुझे कोई चोर कहता है, कोई भंगी, कोई चमार और कोई कहता है कि भाई, यह तो भगवतभक्त है। कोई कहता है कि यह तो स्त्री का मोही है। कोई कहता है कि यह माया में डूबा है। जो मेरी निंदा करता है, उसको धन्यवाद देने नहीं जाता हूँ। मैं जो हूँ वह हरि जानता है। अब मैं रात-दिन उसी का गुण गाता हूँ।

    स्रोत :
    • पुस्तक : पलटू साहेब की बानी
    • संपादक : अभिलाषा दास
    • रचनाकार : पलटू
    • प्रकाशन : कबीर आश्रम, कबीर नगर, इलाहाबाद
    • संस्करण : 2012

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

    रजिस्टर कीजिए