कबीर के 10 प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ दोहे
जिस मरनै थै जग डरै, सो मेरे आनंद।
कब मरिहूँ कब देखिहूँ, पूरन परमानंद॥
जिस मरण से संसार डरता है, वह मेरे लिए आनंद है। कब मरूँगा और कब पूर्ण परमानंद स्वरूप ईश्वर का दर्शन करूँगा। देह त्याग के बाद ही ईश्वर का साक्षात्कार होगा। घट का अंतराल हट जाएगा तो अंशी में अंश मिल जाएगा।
-
टैग्ज़ : मृत्युऔर 1 अन्य
बेटा जाए क्या हुआ, कहा बजावै थाल।
आवन जावन ह्वै रहा, ज्यौं कीड़ी का नाल॥
बेटा पैदा होने पर हे प्राणी थाली बजाकर इतनी प्रसन्नता क्यों प्रकट करते हो?
जीव तो चौरासी लाख योनियों में वैसे ही आता जाता रहता है जैसे जल से युक्त नाले में कीड़े आते-जाते रहते हैं।
काबा फिर कासी भया, राम भया रहीम।
मोट चून मैदा भया, बैठ कबीर जीम॥
सांप्रदायिक सद्भावना के कारण कबीर के लिए काबा काशी में परिणत हो गया। भेद का मोटा चून या मोठ का चून अभेद का मैदा बन गया, कबीर उसी को जीम रहा है।
हम भी पांहन पूजते, होते रन के रोझ।
सतगुरु की कृपा भई, डार्या सिर पैं बोझ॥
कबीर कहते हैं कि यदि सद्गुरु की कृपा न हुई होती तो मैं भी पत्थर की पूजा करता और जैसे जंगल में नील गाय भटकती है, वैसे ही मैं व्यर्थ तीर्थों में भटकता फिरता। सद्गुरु की कृपा से ही मेरे सिर से आडंबरों का बोझ उतर गया।
-
टैग्ज़ : गुरुऔर 1 अन्य
सब जग सूता नींद भरि, संत न आवै नींद।
काल खड़ा सिर ऊपरै, ज्यौं तौरणि आया बींद॥
सारा संसार नींद में सो रहा है किंतु संत लोग जागृत हैं। उन्हें काल का भय नहीं है, काल यद्यपि सिर के ऊपर खड़ा है किंतु संत को हर्ष है कि तोरण में दूल्हा खड़ा है। वह शीघ्र जीवात्मा रूपी दुल्हन को उसके असली घर लेकर जाएगा।
-
टैग्ज़ : मृत्युऔर 1 अन्य
जौं रोऊँ तौ बल घटै, हँसौं तौ राम रिसाइ।
मनहीं माँहि बिसूरणां, ज्यूँ धुँण काठहिं खाइ॥
यदि आत्मारूपी विरहिणी प्रिय के वियोग में रोती है, तो उसकी शक्ति क्षीण होती है और यदि हँसती है, तो परमात्मा नाराज़ हो जाते हैं। वह मन ही मन दुःख से अभिभूत होकर चिंता करती है और इस तरह की स्थिति में उसका शरीर अंदर−अंदर वैसे ही खोखला होता जाता है, जैसे घुन लकड़ी को अंदर−अंदर खा जाता है।
-
टैग्ज़ : ईश्वरऔर 1 अन्य
पाणी ही तैं पातला, धूवां हीं तैं झींण।
पवनां बेगि उतावला, सो दोस्त कबीरै कीन्ह॥
जो जल से भी अधिक पतला (सूक्ष्म) है और धुएँ से भी झीना है और जो पवन के वेग से भी अधिक गतिमान है। ऐसे रूप वाले सूक्ष्म उन्मन को कबीर ने अपना मित्र बनाया है।