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वह दरबारा भारा साधो

wo darbara bhara sadho

पलटू

अन्य

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पलटू

वह दरबारा भारा साधो

पलटू

और अधिकपलटू

    वह दरबारा भारा साधो, हिंदू मुसलमान से न्यारा।

    मक्के रहे ठाकुरद्वारा, है सब में सब खोजनहारा॥

    नहिं दरगाह तीरथ संगा, गंगा नीर तुलसी भंगा॥

    सालिगराम महजिद कोई, उहाँ जनेव सुन्नत होई॥

    पढ़े निवाज लावै पूजा, पंडित क़ाज़ी बसै दूजा॥

    फेरै तसबी जपै माला, ना मुरदा ना करै हलाला॥

    मारै सुवर जिबहे ना गाई, कलमा भजन राम खुदाई॥

    एकादसी रोजा करई, डंडवत करै सिरदा परई॥

    पलटू दास दुई की किस्ती, दोजख नर्क बैकुंठ भिस्ती॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : पलटू साहेब की बानी (पृष्ठ 443)
    • संपादक : अभिलाषा दास
    • रचनाकार : पलटू
    • प्रकाशन : कबीर आश्रम, कबीर नगर, इलाहाबाद
    • संस्करण : 2012

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