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कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर के उद्धरण

जीवन का सच्चा पथ यह नहीं है कि जो हमें प्राप्त नहीं है, उसके लिए हम रोते रहें। जीवन का सच्चा पथ यह है कि यत्न या योग से जो हमने पा लिया उसे पहिचानें, उसे अपने अनुकूल बनाएँ, उसमें रस लें और संतोष का सुख पाएँ।