उद्धरण

उद्धरण श्रेष्ठता का संक्षिप्तिकरण हैं। अपने मूल-प्रभाव में वे किसी रचना के सार-तत्त्व सरीखे हैं। आसान भाषा में कहें तो किसी किताब, रचना, वक्तव्य, लेख, शोध आदि के वे वाक्यांश जो तथ्य या स्मरणीय कथ्य के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं, उद्धरण होते हैं। भाषा के इतिहास में उद्धरण प्रेरणा और साहस प्रदान करने का काम करते आए हैं। वे किसी रचना की देह में चमकती आँखों की तरह हैं, जिन्हें सूक्त-वाक्य या सूक्ति भी कहा जाता है। संप्रेषण और अभिव्यक्ति के नए माध्यमों में इधर बीच उद्धरणों की भरमार है, तथा उनकी प्रासंगिकता और उनका महत्त्व स्थापना और बहस के केंद्र में है।

सुप्रसिद्ध इतालवी नाटककार, कथाकार और कवि। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित उपन्यासकार, निबंधकार, आलोचक और संपादक। 'ख़ाली कुर्सी की आत्मा', 'सफ़ेद चेहरे', 'तीसरा प्रसंग' आदि दर्जनाधिक कृतियाँ प्रकाशित।

1930-50 के दौर में लोकप्रिय रहे सुपरिचित नाटककार और रंगकर्मी।

वास्तविक नाम कुंदनलाल। सखी संप्रदाय में दीक्षित होकर ललित किशोरी नाम रखा। कृष्ण-भक्ति से ओत-प्रोत सरस पदों के लिए स्मरणीय।

अमेरिका-जर्मनी में सक्रिय रहे भारतीय क्रांतिकारी, लेखक और चिंतक। 'ग़दर पार्टी' और 'बर्लिन समिति' के संयोजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका।

वैश्विक साहित्य के सर्वाधिक प्रभावशाली और महान लेखकों में से एक। ‘वार एंड पीस’ और ‘आन्ना कारेनिना’ जैसी कालजयी कृतियों के लिए स्मरणीय।

सुप्रसिद्ध गायक, गीतकार, कवि और उपन्यासकार। गहरी-भावनात्मक आवाज़ और अनूठे गीतों के लिए उल्लेखनीय।

महान चित्रकार और वैज्ञानिक।

आयरिश मूल के अँग्रेज़ी उपन्यासकार, व्यंग्यकार और पादरी। 'द लाइफ एंड ऑपिनियन्स ऑफ ट्रिस्ट्रम शांडी, जेंटलमैन' और 'ए सेंटिमेंटल जर्नी थ्रू फ़्रांस एंड इटली' कृति के लिए उल्लेखनीय।