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अशोक वाजपेयी के 10 प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण

अशोक वाजपेयी के 10 प्रसिद्ध

और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण

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अगर कविता होती तो राम और कृष्ण भी यथार्थ होते।

अशोक वाजपेयी

जितना कवि समय को, उतना ही समय कवि को गढ़ता है।

अशोक वाजपेयी

कविता परम सत्य और चरम असत्य के बीच गोधूलि की तरह विचरती है।

अशोक वाजपेयी

कविता आत्म और पर के द्वैत को ध्वस्त करती है।

अशोक वाजपेयी

कविता सरलीकरण और सामान्यीकरण के विरुद्ध अथक सत्याग्रह है।

अशोक वाजपेयी

साहित्य, लालित्य के बचाव में प्रयत्नशील बने रहने की भी भूमि है।

अशोक वाजपेयी

कविता का काम संसार के बिना नहीं चलता। वह उसका सत्यापन भी करती है और गुणगान भी।

अशोक वाजपेयी

कविता व्यक्ति को दूसरा बनाए जाने के क्रूर अमानवीय उपक्रम के विरुद्ध सविनय अवज्ञा है।

अशोक वाजपेयी

कविता यथार्थ का बिंब भर नहीं होती। वह उसमें कुछ जोड़ती, इज़ाफ़ा करती है।

अशोक वाजपेयी

कविता कवि, पाठक और श्रोता का साझा सच है।

अशोक वाजपेयी

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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