विष्णुचंद्र शर्मा की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1933 - 2020 | वाराणसी, उत्तर प्रदेश
समादृत कवि-लेखक और अनुवादक। ‘कवि’ पत्रिका के संपादक। ‘मुक्तिबोध की आत्मकथा’ शीर्षक पुस्तक के लिए उल्लेखनीय।
समादृत कवि-लेखक और अनुवादक। ‘कवि’ पत्रिका के संपादक। ‘मुक्तिबोध की आत्मकथा’ शीर्षक पुस्तक के लिए उल्लेखनीय।