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शालिभद्र सूरि

समय : 13वीं सदी। जैन कवि। गणपतिचंद्र गुप्त के अनुसार हिंदी के प्रथम कवि। अनेक कृतियों से रास-काव्य-परंपरा को समृद्ध किया।

समय : 13वीं सदी। जैन कवि। गणपतिचंद्र गुप्त के अनुसार हिंदी के प्रथम कवि। अनेक कृतियों से रास-काव्य-परंपरा को समृद्ध किया।

शालिभद्र सूरि का रासो काव्य

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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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