सविता सिंह का परिचय
सविता सिंह का जन्म फ़रवरी, 1962 को आरा, बिहार में हुआ। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीतिशास्त्र में एम.ए., एम.फिल., पी-एच.डी. की। मांट्रियाल (कनाडा) स्थित मैक्गिल विश्वविद्यालय में साढ़े चार वर्ष तक शोध व अध्यापन किया। ‘भारत में आधुनिकता का विमर्श’ उनके शोध का विषय रहा। सेंट स्टीफ़ेन्स कॉलेज से अध्यापन आरंभ करके डेढ़ दशक तक उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाया। वह अमेरिका के इंटरनेशनल हर्बर्ट मारक्यूस सोसायटी के निदेशक मंडल की सदस्य एवं को-चेयर हैं।
उनके प्रकाशित कविता-संग्रह हैं—‘अपने जैसा जीवन’ (2001), ‘नींद थी और रात थी’ (2005), ‘स्वप्न समय’ (2013), ‘खोई चीज़ों का शोक’ (2021), ‘वासना एक नदी का नाम है’ (2024), ‘प्रेम भी एक यातना है’ (2024)। दो द्विभाषिक काव्य-संग्रह ‘रोविंग टुगेदर’ (अँग्रेज़ी-हिंदी) तथा ‘ज़ स्वी ला मेजों दे जेत्वाल’ (फ़्रेंच-हिंदी) (2008)। ओड़िया में ‘जेयुर रास्ता मोरा निजारा’ शीर्षक से संकलन प्रकाशित। ‘प्रेम भी एक यातना है’ का ओड़िया अनुवाद प्रकाशित (2021)। अँग्रेज़ी में कवयित्रियों के अंतर्राष्ट्रीय चयन ‘सेवेन लीव्स, वन ऑटम’ (2011) का संपादन जिसमें प्रतिनिधि कविताएँ शामिल। ‘पचास कविताएँ : नई सदी के लिए’ चयन शृंखला के तहत प्रतिनिधि कविताएँ प्रकाशित। ‘प्रतिरोध का स्त्री-स्वर : समकालीन हिंदी कविता’, संपादित (2023, राधाकृष्ण प्रकाशन)। ल फाउंडेशन मेजों देस साइंसेज ल दे’होम, पेरिस की पोस्ट-डॉक्टरल फ़ैलोशिप के तहत कृष्णा सोबती के ‘मित्रो मरजानी’ तथा ‘ऐ लड़की’ उपन्यासों पर काम प्रकाशित। राजनीतिक दर्शन के क्षेत्र में ‘रियलिटी एंड इट्स डेप्थ : ए कन्वर्सेशन बिटवीन सविता सिंह एंड रॉय भास्कर’ प्रकाशित। आधुनिकता, भारतीय राजनीतिक सिद्धांत और भारत में स्त्रीवाद आदि विषयों पर तीन बड़ी परियोजनाओं पर काम जारी। ‘पोएट्री एट संगम’ के अप्रैल 2021 अंक का अतिथि-संपादन।
‘खोई चीज़ों का शोक’ का बांग्ला तथा मराठी अनुवाद इसी वर्ष छपा है : ‘हारिये जावा जिनिसेर शोक’ अनुवाद—मीता दास (प्रकाशन—भाषा संसद) (प्रकाशक—बितस्ता घोषाल); मराठी में : ‘हारवालेला वस्तूंचा शोक’, अनुवादक—सुनीता डागा (कॉपर क्वाइन, 2024)
कई विदेशी और भारतीय भाषाओं में कविताएँ अनूदित-प्रकाशित। कई विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में कविताएँ शामिल और उन पर शोध-कार्य। हिंदी अकादेमी और रज़ा फ़ाउंडेशन के अलावा ‘महादेवी वर्मा पुरस्कार’ (2016), ‘युनिस डि सूजा अवार्ड’ (2020) तथा ‘केदार सम्मान’ (2022) से सम्मानित।
संप्रति इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) में प्रोफ़ेसर, स्कूल ऑफ़ ज़ेंडर एंड डेवलपमेंट स्टडीज़ की संस्थापक निदेशक।
ई-मेल : savita.singh6@gmail.com