रसूल हमज़ातोव की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1923 - 2003 | दाग़िस्तान
अवार भाषा के जनकवि के रूप में समादृत प्रमुख सोवियत कवि-लेखक। 'मेरा दाग़िस्तान' अनूदित कृति के साथ हिंदी में भी सुपरिचित नाम।
अवार भाषा के जनकवि के रूप में समादृत प्रमुख सोवियत कवि-लेखक। 'मेरा दाग़िस्तान' अनूदित कृति के साथ हिंदी में भी सुपरिचित नाम।