रामनारायण मिश्र के यात्रा वृत्तांत
डेनमार्क के आलस्टेड गाँव में एक रात
मैं जन्म से दिहाती नहीं हूँ, पर मैंने दिहात की ख़ूब खाक छानी है। सन् 1900 से 1910 तक जब मैं जौनपुर, बस्ती, बनारस तथा बरेली ज़िलों के स्कूलों के निरीक्षण का काम करता था, दिहाती भाइयों से मेरा हेल-मेल हो गया था। उनके गुण-दोष उस समय से मुझ पर प्रकट हो गए।
यूरोप में भारत की चर्चा
भारतवर्ष के संबंध में यूरोप में, विशेषकर इंग्लैंड में, विलक्षण विचार हैं। हम लोग एक दिन कई सज्जनों और देवियों से बातचीत कर रहे थे, उसी बीच में हिंदुस्तानी मित्रों को आपस में वार्तालाप करने की आवश्यकता पड़ी और हम लोग हिंदी बोले। एक स्त्री ने आश्चर्य प्रकट
योरप में स्नान, शौचादि के नियम और बाहरी सफ़ाई
प्रति दिन स्नान करने की आदत रखनेवाले भारतीय जब यूरोप जाएँ तो उन्हें इसके लिए कुछ अधिक व्यय करने को तैयार रहना चाहिए। जहाज़ में तो स्नानागार बने हुए हैं, पारी-पारी से लोग यदि चाहें तो नहा सकते हैं। परंतु, यूरोप पहुँचकर होटलों में नहाने के लिए पैसा देना
योरप की स्त्रियाँ
किसी देश की स्त्रियों के संबंध में कुछ लिखते या कहते बड़ा संकोच होता है। जहाज़ में बैठते ही कुछ असाधारण बातें देखकर भारतीय हृदय को बहुत बड़ा सदमा पहुँचता है। योरप पहुँचकर और वहाँ की बाहरी अवस्था देखकर वह दुःख और भी बढ़ जाता है। स्त्रियों का सिगरेट और
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere