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पुष्पदंत

पुष्पदंत की संपूर्ण रचनाएँ

उद्धरण 2

हाथी बाँधा जा सकता है, सिंह रोका जा सकता है, युद्ध में शत्रु सेना जीती जा सकती है किंतु परपुरुष में आसक्त दुश्चरित्रा स्त्री का मन नहीं रोका जा सकता।

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यह ब्रह्मांड निरवच्छिन्न सुखों का अखंड भंडार है।

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