मलूकदास के सबद
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1574 - 1682 | इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
भक्ति परंपरा के संत कवि। ‘अजगर करे ना चाकरी...’ जैसी उक्ति के लिए स्मरणीय।
भक्ति परंपरा के संत कवि। ‘अजगर करे ना चाकरी...’ जैसी उक्ति के लिए स्मरणीय।