लीलाधर मंडलोई की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1953 | छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश
सुपरिचित कवि-गद्यकार और संपादक। भाषिक वैभव और आदिवासी-लोक-संवेदना के लिए उल्लेखनीय।
सुपरिचित कवि-गद्यकार और संपादक। भाषिक वैभव और आदिवासी-लोक-संवेदना के लिए उल्लेखनीय।