लछिराम के कवित्त
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1841 - 1904 | बस्ती, उत्तर प्रदेश
रीतिकालीन अलक्षित कवि। कविता सामान्य, शब्द-लाघव और परिपाटी निर्वाह के लिए उल्लेखनीय।
रीतिकालीन अलक्षित कवि। कविता सामान्य, शब्द-लाघव और परिपाटी निर्वाह के लिए उल्लेखनीय।