हिन्दवी डेस्क का आलोचनात्मक लेखन
इकाई- V हिंदी कविता
पृथ्वीराज रासो : रेवा तट ‘पृथ्वीराज रासो’ में 69 समय (सर्ग) हैं। 'रेवा तट' चंदबरदाई कृत 'पृथ्वीराज रासो का सत्ताइसवाँ समय (सर्ग) है। पृथ्वीराज चौहान के सेनापति चामंड राय ने पृथ्वीराज से कहा कि रेवा (नर्मदा) नदी के तट पर ऐरावत हाथी के समान बहुत से हाथी
इकाई – दो
हिंदी साहित्य का इतिहास : हिंदी साहित्येतिहास दर्शन हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन की पद्धतियाँ हिंदी साहित्य का कालविभाजन और नामकरण, आदिकाल की विशेषताएँ एवं साहित्यिक प्रवृतियाँ, रासो-साहित्य, आदिकालीन हिंदी का जैन साहित्य, सिद्ध और नाथ साहित्य, अमीर
इकाई-I हिंदी भाषा और उसका विकास
हिंदी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि प्राचीन भारतीय आर्य भाषाएँ, मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाएँ :- पालि, प्राकृत शौरसेनी, अर्द्धमागधी, मागधी, अपभ्रंश और उनकी विशेषताएँ, अपभ्रंश अवहट, और पुरानी हिंदी का संबंध, आधुनिक भारतीय आर्य भाषाएँ और उनका वर्गीकरण। हिंदी का
इकाई- VI हिंदी उपन्यास
पंडित गौरीदत्त : देवरानी जेठानी की कहानी पंडित गौरीदत्त पंडित गौरीदत्त का जन्म पंजाब प्रदेश के लुधियाना नगर में सन् 1836 ईस्वी में हुआ था। रुड़की के इंजीनियरिंग कॉलेज से बीजगणित, रेखागणित, सर्वेइंग, ड्राइंग और शिल्प आदि की शिक्षा प्राप्त करने के
इकाई- IV वैचारिक पृष्ठभूमि
भारतीय नवजागरण और स्वाधीनता आंदोलन की वैचारिक पृष्ठभूमि हिंदी नवजागरण खड़ीबोली आंदोलन फ़ोर्ट विलियम कॉलेज भारतेंदु और हिंदी नवजागरण महावीर प्रसाद द्विवेदी और हिंदी नवजागरण गांधीवादी दर्शन अंबेडकर दर्शन लोहिया दर्शन मार्क्सवाद, मनोविशेषणवाद,
इकाई- IX हिंदी निबंध
भारतेंदु : दिल्ली दरबार दर्पण, भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है प्रताप नारायण मिश्र : शिवमूर्ति बाल कृष्ण भट्ट : शिवशंभु के चिट्ठे विद्यानिवास मित्र : मेरे राम का मुकुट भीग रहा है रामचंद्र शुक्ल : कविता क्या है हजारी प्रसाद द्विवेदी : नाख़ून क्यों
इकाई–VII हिंदी कहानी
राजेंद्र बाला घोष (बंग महिला) : चंद्रदेव से मेरी बातें, दुलाईवाली माधवराव सप्रे : एक टोकरी भर मिट्टी सुभद्रा कुमारी चौहान : राही प्रेमचंद : ईदगाह, दुनिया का अनमोल रतन राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह : कानों में कंगना चंद्रधर शर्मा गुलेरी : उसने कहा था जयशंकर
इकाई– VIII हिंदी नाटक
भारतेंदु - अँधेर नगरी, भारत दुर्दशा जयशंकर प्रसाद - चंद्रगुप्त, स्कंदगुप्त, ध्रुवस्वामिनी धर्मवीर भारती - अंधायुग लक्ष्मीनारायण लाल - सिंदूर की होली मोहन राकेश - आधे-अधूरे, आषाढ़ का एक दिन हबीब तनवीर - आगरा बाज़ार सर्वेश्वरदयाल सक्सेना - बकरी शंकरशेष
इकाई- III साहित्यशास्त्र
भारतीय काव्यशास्त्र से अभिप्राय है संस्कृत भाषा में प्रस्तुत काव्यशास्त्र। संस्कृत काव्यशास्त्र का प्रथम उपलब्ध ग्रंथ नाट्यशास्त्र है और अंतिम प्रख्यात एवं महत्त्वपूर्ण ग्रंथ रसगंगाधर है। काव्यशास्त्र के लिए वाल्मीकि रामायण में 'क्रियाकल्प' नाम मिलता
इकाई- X आत्मकथा, जीवनी तथा अन्य गद्य विधाएँ
रामवृक्ष बेनीपुरी : माटी की मूरतें रामवृक्ष बेनीपुरी का जन्म बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले के बेनीपुर गाँव में सन् 1899 में हुआ। उनका देहावसान सन् 1968 में हुआ। वे बेहद प्रतिभाशाली पत्रकार थे। उन्होंने अनेक दैनिक, साप्ताहिक एवं मासिक पत्र-पत्रिकाओं
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere