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गिरिधर पुरोहित

भक्तिकालीन रीति कवि। 'शृंगार मंजरी' काव्य परंपरा के अलक्षित आदिकवि।

भक्तिकालीन रीति कवि। 'शृंगार मंजरी' काव्य परंपरा के अलक्षित आदिकवि।

गिरिधर पुरोहित के कवित्त

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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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